मन मंथन - Blending Thoughts

Florets to the Bouquet

Jai Hind!

मुझे यह लिखने के लिए क्षमा किया जाए पर स्वतंत्र भारत के बाध्य और बोझिल हृदय में बैठकर मुझे अपना मौन खटक रहा है।  क्यों खटक रहा है? इतने बुद्...
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हौसला कहाँ गंवा बैठे ?

सोचा है कुछ आज लिखूँ, उड़ता उड़ता बाज लिखूँ। ख़ुद को मैं मोहताज़ लिखूँ, सबके दिल का राज लिखूँ। गिरेबान की लाज लिखूँ, गिरी ये कैसी गाज लिखूँ। मैं...
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क्रंदन की तनया ।

लेखन एक तरह का तिलिस्म है । यह मुझे अब समझ आने लगा है, और आता रहेगा । मैं यह जानती हूँ कि आप सभी लेखन को अलंकृत करना एक महत्वपूर्ण अंग समझते...
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