सोचा है कुछ आज लिखूँ, उड़ता उड़ता बाज लिखूँ। ख़ुद को मैं मोहताज़ लिखूँ, सबके दिल का राज लिखूँ। गिरेबान की लाज लिखूँ, गिरी ये कैसी गाज लिखूँ। मैं...
लेखन एक तरह का तिलिस्म है । यह मुझे अब समझ आने लगा है, और आता रहेगा । मैं यह जानती हूँ कि आप सभी लेखन को अलंकृत करना एक महत्वपूर्ण अंग समझते...