यदि मै यह कहूँ कि प्रेम सिर्फ तुमसे उपजता है तो यह बस एक वहम है|
तुम हर झूठ और सच के परदे से निकलो तो तुम मेरी आज हो,
ख़ुशी ढूंढता था हर पल, आज मिलती है! तुम वही बात हो|
कारण ढूँढना हो तो थोड़ी सी महनत लग जाए शायद,
पर तुम्हारी अठकेलियाँ कुछ यूँ भा जाती हैं,
कि बिना किसी कारण तुम मुझमे आबाद हो |
आज बहुत कुछ कहना होगा मुझको तुमसे पर बात ठहर गई है इस बात पर,
कि समझाना थोड़ा मुश्किल न हो, हदों से पार जाना कही कठिन न हो|
पर अभी के लिए तुम मुस्कुराओ क्योंकि आज बस एक ही तो रंग है मुझमे,
और वो हो तुम, तुम सजी हुई एक सौगात हो|
बेहद की सीमा को चीरना हो तो तुम बस एक छोटी सी करामात हो|
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